और अगर उसका हदिया सलामती का ज़बीहा हो और वह गाय बैल में से किसी को अदा करे, तो चाहे वह नर हो या मादा; लेकिन जो बे — 'ऐब हो उसी को वह ख़ुदावन्द के सामने पेश करे।
तो जो शख़्स अपना हदिया लाए, वह ख़ुदावन्द के सामने नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर ऐफ़ा के दस्वें हिस्से के बराबर मैदा जिसमें चौथाई हीन के बराबर तेल मिला हुआ हो,
अगर इन चीज़ों का यह असर था तो फिर मसीह के ख़ून का क्या ज़बरदस्त असर होगा! अज़ली रूह के ज़रिए उस ने अपने आप को बेदाग़ क़ुर्बानी के तौर पर पेश किया। यूँ उस का ख़ून हमारे ज़मीर को मौत तक पहुँचाने वाले कामों से पाक — साफ़ करता है ताकि हम ज़िन्दा ख़ुदा की ख़िदमत कर सकें।