अहबार 2:11 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 201911 कोई नज़्र की क़ुर्बानी जो तुम ख़ुदावन्द के सामने चढ़ाओ, वह ख़मीर मिला कर न बनाई जाए; तुम कभी आतिशी क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने ख़मीर या शहद न जलाना। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस11 ग़ल्ला की जितनी नज़रें तुम रब को पेश करते हो उनमें ख़मीर न हो, क्योंकि लाज़िम है कि तुम रब को जलनेवाली क़ुरबानी पेश करते वक़्त न ख़मीर, न शहद जलाओ। Faic an caibideil |