अब हम जानते हैं कि शरी'अत जो कुछ कहती है उनसे कहती है जो शरी'अत के मातहत हैं ताकि हर एक का मुँह बन्द हो जाए और सारी दुनिया ख़ुदा के नज़दीक सज़ा के लायक़ ठहरे।
और ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तेरे और तेरी औलाद के दिल का ख़तना करेगा, ताकि तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से अपने सारे दिल और अपनी सारी जान से मुहब्बत रख्खे और ज़िन्दा रहे।
उस में आते वक़्त तुम्हारा ख़तना भी करवाया गया। लेकिन यह ख़तना इंसानी हाथों से नहीं किया गया बल्कि मसीह के वसीले से। उस वक़्त तुम्हारी पुरानी निस्बत उतार दी गई,