नोहा 3:1 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20191 मैं ही वह शख़्स हूँ जिसने उसके ग़ज़ब की लाठी से दुख पाया। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस1 हाय, मुझे कितना दुख उठाना पड़ा! और यह सब कुछ इसलिए हो रहा है कि रब का ग़ज़ब मुझ पर नाज़िल हुआ है, उसी की लाठी मुझे तरबियत दे रही है। Faic an caibideil |