कि जाओ, और मेरी तरफ़ से और उन लोगों की तरफ़ से जो इस्राईल और यहूदाह में बाक़ी रह गए हैं, इस किताब की बातों के हक़ में जो मिली है ख़ुदावन्द से पूछो; क्यूँकि ख़ुदावन्द का क़हर जो हम पर नाज़िल हुआ है बड़ा है, इसलिए कि हमारे बाप — दादा ने ख़ुदावन्द के कलाम को नहीं माना है कि सब कुछ जो इस किताब में लिखा है उसके मुताबिक़ करते।