10 और यह क़हातियों के ख़ानदानों में से जो लावी की नसल में से थे बनी हारून को मिले क्यूँकि पहला पर्चा उनके नाम का था।
और उनकी हुदूद में उनकी छावनियों के मुताबिक़ उनकी सुकूनतगाहें यह हैं; बनी हारून में से क़िहातियों के ख़ानदानों को, जिनकी पर्ची पहली निकली।
और बनी क़िहात: 'अमराम और इज़हार और हबरून और 'उज़्ज़ीएल थे; और क़िहात की उम्र एक सौ तैतीस बरस की हुई।
और क़िहात के बेटों के नाम जिनसे उनके ख़ान्दान चले 'अमराम और इज़हार और हब्रून और 'उज़्ज़ीएल हैं।
और क़िहात से 'अमरामियों और इज़हारियों और हबरूनियों और 'उज़्ज़ीएलियों के ख़ान्दान चले; ये क़िहातियों के ख़ान्दान हैं।
“बनी लावी में से क़िहातियों को उनके घरानों और आबाई ख़ान्दानों के मुताबिक़,
इसलिए उन्होंने यहूदाह के पहाड़ी मुल्क में 'अनाक़ के बाप अरबा' का शहर क़रयत अरबा'जो हबरून कहलाता है म'ए उसके 'इलाक़े के उनको दिया।
और पर्चा क़िहातियों के नाम पर निकला और हारून काहिन की औलाद को जो लावियों में से थी पर्ची से यहूदाह के क़बीले और शमौन के क़बीले और बिनयमीन के क़बीले में से तेरह शहर मिले।
उन्होंने बनी यहूदाह के क़बीले और बनी शमौन के क़बीले में से यह शहर दिए जिनके नाम यहाँ मज़कूर है।