यरमियाह 5:22 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 201922 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या तुम मुझसे नहीं डरते? क्या तुम मेरे सामने थरथराओगे नहीं, जिसने रेत को समन्दर की हद पर हमेशा के हुक्म से क़ाईम किया कि वह उससे आगे नहीं बढ़ सकता और हरचन्द उसकी लहरें उछलती हैं, तोभी ग़ालिब नहीं आतीं; और हरचन्द शोर करती हैं, तो भी उससे आगे नहीं बढ़ सकतीं। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस22 रब फ़रमाता है, “क्या तुम्हें मेरा ख़ौफ़ नहीं मानना चाहिए, मेरे हुज़ूर नहीं काँपना चाहिए? सोच लो! मैं ही ने रेत से समुंदर की सरहद मुक़र्रर की, एक ऐसी बाड़ बनाई जिस पर से वह कभी नहीं गुज़र सकता। गो वह ज़ोर से लहरें मारे तो भी नाकाम रहता है, गो उस की मौजें ख़ूब गरजें तो भी मुक़र्ररा हद से आगे नहीं बढ़ सकतीं। Faic an caibideil |
फ़िर किस लिए, जब मैं आया तो कोई आदमी न था? और जब मैंने पुकारा, तो कोई जवाब देनेवाला न हुआ? क्या मेरा हाथ ऐसा कोताह हो गया है कि छुड़ा नहीं सकता? और क्या मुझ में नजात देने की क़ुदरत नहीं? देखो, मैं अपनी एक धमकी से समन्दर को सुखा देता हूँ, और नहरों को सहरा कर डालता हूँ, उनमें की मछलियाँ पानी के न होने से बदबू हो जाती हैं और प्यास से मर जाती हैं।