यरमियाह 3:2 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20192 पहाड़ों की तरफ़ अपनी आँखें उठा और देख! कौन सी जगह है जहाँ तूने बदकारी नहीं की? तू राह में उनके लिए इस तरह बैठी, जिस तरह वीराने में 'अरब। तूने अपनी बदकारी और शरारत से ज़मीन को नापाक किया। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस2 अपनी नज़र बंजर पहाड़ियों की तरफ़ उठाकर देख! क्या कोई जगह है जहाँ ज़िना करने से तेरी बेहुरमती नहीं हुई? रेगिस्तान में तनहा बैठनेवाले बद्दू की तरह तू रास्तों के किनारे पर अपने आशिक़ों की ताक में बैठी रही है। अपनी इसमतफ़रोशी और बदकारी से तूने मुल्क की बेहुरमती की है। Faic an caibideil |