यरमियाह 25:3 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 कि शाह — ए — यहूदाह यूसियाह — बिन — अमून के तेरहवें बरस से आज तक यह तेईस बरस ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल होता रहा, और मैं तुम को सुनाता और सही वक़्त पर “जताता रहा पर तुम ने न सुना। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 “23 साल से रब का कलाम मुझ पर नाज़िल होता रहा है यानी यूसियाह बिन अमून की हुकूमत के तेरहवें साल से लेकर आज तक। बार बार मैं तुम्हें पैग़ामात सुनाता रहा हूँ, लेकिन तुमने ध्यान नहीं दिया। Faic an caibideil |
मैंने अपने तमाम ख़िदमतगुज़ार नबियों को तुम्हारे पास भेजा, और उनको वक़्त पर ये कहते हुए भेजा कि तुम हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आओ, और अपने 'आमाल को दुरुस्त करो और ग़ैर मा'बूदों की पैरवी और इबादत न करो, और जो मुल्क मैंने तुमको और तुम्हारे बाप — दादा को दिया है, तुम उसमें बसोगे; लेकिन तुम ने न कान लगाया न मेरी सुनी।