यरमियाह 2:36 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 201936 तू अपनी राह बदलने को ऐसी बेक़रार क्यूँ फिरती है? तू मिस्र से भी शर्मिन्दा होगी, जैसे असूर से हुई। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस36 तू कभी इधर, कभी इधर जाकर इतनी आसानी से अपना रुख़ क्यों बदलती है? यक़ीन कर कि जिस तरह तू अपने इत्तहादी असूर से मायूस होकर शरमिंदा हुई है उसी तरह तू नए इत्तहादी मिसर से भी नादिम हो जाएगी। Faic an caibideil |