यरमियाह 2:21 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 201921 मैंने तो तुझे कामिल ताक लगाया और उम्दा बीज बोया था, फिर तू क्यूँकर मेरे लिए बेहक़ीक़त जंगली अंगूर का दरख़्त हो गई? Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस21 पहले तू अंगूर की मख़सूस और क़ाबिले-एतमाद नसल की पनीरी थी जिसे मैंने ख़ुद ज़मीन में लगाया। तो यह क्या हुआ कि तू बिगड़कर जंगली बेल बन गई? Faic an caibideil |