यरमियाह 2:20 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 201920 क्यूँकि मुद्दत हुई कि तूने अपने जुए को तोड़ डाला और अपने बन्धनों के टुकड़े कर डाले, और कहा, 'मैं ताबे' न रहूँगी।” हाँ, हर एक ऊँचे पहाड़ पर और हर एक हरे दरख़्त के नीचे तू बदकारी के लिए लेट गई। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस20 “क्योंकि शुरू से ही तू अपने जुए और रस्सों को तोड़कर कहती रही, ‘मैं तेरी ख़िदमत नहीं करूँगी!’ तू हर बुलंदी पर और हर घने दरख़्त के साय में लेटकर इसमतफ़रोशी करती रही। Faic an caibideil |
या कभी ख़ुदा ने एक क़ौम को किसी दूसरी क़ौम के बीच से निकालने का इरादा करके, इम्तिहानों और निशान और मो'जिज़ों और जंग और ताक़तवर हाथ और बलन्द बाज़ू और हौलनाक माजरों के वसीले से, उनको अपनी ख़ातिर बरगुज़ीदा करने के लिए वह काम किए जो ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम्हारी आँखों के सामने मिस्र में तुम्हारे लिए किए?