यरमियाह 17:4 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20194 और तू अज़ख़ुद उस मीरास से जो मैंने तुझे दी, अपने क़ुसूर की वजह से हाथ उठाएगा; और मैं उस मुल्क में जिसे तू नहीं जानता, तुझ से तेरे दुश्मनों की ख़िदमत कराऊँगा; क्यूँकि तुमने मेरे क़हर की आग भड़का दी है जो हमेशा तक जलती रहेगी।” Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस4 अपने क़ुसूर के सबब से तुझे अपनी मौरूसी मिलकियत छोड़नी पड़ेगी, वह मिलकियत जो तुझे मेरी तरफ़ से मिली थी। मैं तुझे तेरे दुश्मनों का ग़ुलाम बना दूँगा, और तू एक नामालूम मुल्क में बसेगा। क्योंकि तुम लोगों ने मुझे तैश दिलाया है, और अब तुम पर मेरा ग़ज़ब कभी न बुझनेवाली आग की तरह भड़कता रहेगा।” Faic an caibideil |