यसायाह 57:2 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20192 वह सलामती में दाख़िल होता है। हर एक रास्त रू अपने बिस्तर पर आराम पाएगा। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस2 क्योंकि उस की मनज़िले-मक़सूद सलामती है। सीधी राह पर चलनेवाले मरते वक़्त पाँव फैलाकर आराम करते हैं। Faic an caibideil |