यसायाह 53:2 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20192 लेकिन वह उसके आगे कोंपल की तरह, और ख़ुश्क ज़मीन से जड़ की तरह फूट निकला है; न उसकी कोई शक्ल और सूरत है, न ख़ूबसूरती; और जब हम उस पर निगाह करें, तो कुछ हुस्न — ओ — जमाल नहीं कि हम उसके मुश्ताक़ हों। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस2 उसके सामने वह कोंपल की तरह फूट निकला, उस ताज़ा और मुलायम शिगूफे की तरह जो ख़ुश्क ज़मीन में छुपी हुई जड़ से निकलकर फलने फूलने लगती है। न वह ख़ूबसूरत था, न शानदार। हमने उसे देखा तो उस की शक्लो-सूरत में कुछ नहीं था जो हमें पसंद आता। Faic an caibideil |