यसायाह 24:4 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20194 ज़मीन ग़मगीन होती और मुरझाती है, जहाँ बेताब और पज़मुर्दा होता है, ज़मीन के 'आली क़द्र लोग नातवान होते हैं। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस4 ज़मीन सूख सूखकर सुकड़ जाएगी, दुनिया ख़ुश्क होकर मुरझा जाएगी। उसके बड़े बड़े लोग भी निढाल हो जाएंगे। Faic an caibideil |