यसायाह 18:2 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20192 जो दरिया की राह से बुर्दी की क़श्तियों में सतह — ए — आब पर क़ासिद भेजती है! ऐ तेज़ रफ़्तार क़ासिदों, उस क़ौम के पास जाओ जो ताक़तवर और ख़ूबसूरत है; उस क़ौम के पास जो शुरू' से अब तक मुहीब है, ऐसी क़ौम जो ज़बरदस्त और फ़तहयाब है जिसकी ज़मीन नदियों से मुन्क़सम है। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस2 और जो अपने क़ासिदों को आबी नरसल की कश्तियों में बिठाकर समुंदरी सफ़रों पर भेजता है। ऐ तेज़रौ क़ासिदो, लंबे क़द और चिकनी-चुपड़ी जिल्दवाली क़ौम के पास जाओ। उस क़ौम के पास पहुँचो जिससे दीगर क़ौमें दूर-दराज़ इलाक़ों तक डरती हैं, जो ज़बरदस्ती सब कुछ पाँवों तले कुचल देती है, और जिसका मुल्क दरियाओं से बटा हुआ है। Faic an caibideil |