वाइज़ 4:3 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 बल्कि दोनों से नेक बख़्त वह है जो अब तक हुआ ही नहीं, जिसने वह बुराई जो दुनिया' में होती है नहीं देखी। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 लेकिन इनसे ज़्यादा मुबारक वह है जो अब तक वुजूद में नहीं आया, जिसने वह तमाम बुराइयाँ नहीं देखीं जो सूरज तले होती हैं।” Faic an caibideil |