दानियाल 4:3 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20193 उसके निशान कैसे 'अज़ीम, और उसके 'अजायब कैसे पसंदीदा हैं! उसकी ममलुकत हमेशा की ममलुकत है, और उसकी सल्तनत नसल — दर — नसल। Faic an caibideilकिताब-ए मुक़द्दस3 उसके निशान कितने अज़ीम, उसके मोजिज़ात कितने ज़बरदस्त हैं! उस की बादशाही अबदी है, उस की सलतनत नसल-दर-नसल क़ायम रहती है। Faic an caibideil |
या कभी ख़ुदा ने एक क़ौम को किसी दूसरी क़ौम के बीच से निकालने का इरादा करके, इम्तिहानों और निशान और मो'जिज़ों और जंग और ताक़तवर हाथ और बलन्द बाज़ू और हौलनाक माजरों के वसीले से, उनको अपनी ख़ातिर बरगुज़ीदा करने के लिए वह काम किए जो ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम्हारी आँखों के सामने मिस्र में तुम्हारे लिए किए?