7 ऐ शौहरों! तुम भी बीवियों के साथ 'अक़्लमन्दी से बसर करो, और 'औरत को नाज़ुक़ ज़र्फ़ जान कर उसकी 'इज़्ज़त करो, और यूँ समझो कि हम दोनों ज़िन्दगी की ने'मत के वारिस हैं, ताकि तुम्हारी दु'आएँ रुक न जाएँ।
7 ऐ शौहरों, इसी तरह तुम भी अपनी बीवीयों के साथ समझदारी से ज़िन्दगी बसर करो, और औरत को नाज़ुक ज़र्फ़ जान कर उस की इज़्ज़त करो, और यूं समझो के तुम दोनों ज़िन्दगी के फ़ज़ल के बराबर वारिस हो, ताके तुम्हारी दुआएं रुक न जायें।
7 इस तरह लाज़िम है कि आप जो शौहर हैं समझ के साथ अपनी बीवियों के साथ ज़िंदगी गुज़ारें, यह जानकर कि यह आपकी निसबत कमज़ोर हैं। उनकी इज़्ज़त करें, क्योंकि यह भी आपके साथ ज़िंदगी के फ़ज़ल की वारिस हैं। ऐसा न हो कि इसमें बेपरवाई करने से आपकी दुआइया ज़िंदगी में रुकावट पैदा हो जाए।
इसलिए अब अपने लिए सात बैल और सात मेंढे लेकर, मेरे बन्दे अय्यूब के पास जाओ और अपने लिए सोख़्तनी कु़र्बानी पेश करो, और मेरा बन्दा अय्यूब तुम्हारे लिए दुआ करेगा; क्यूँकि उसे तो मैं क़ुबूल करूँगा ताकि तुम्हारी जिहालत के मुताबिक़ तुम्हारे साथ सुलूक न करूँ, क्यूँकि तुम ने मेरे बारे में वह बात न कही जो हक़ है, जैसे मेरे बन्दे अय्यूब ने कही।”
फिर मैं तुम से कहता हूँ; कि अगर तुम में से दो शख़्स ज़मीन पर किसी बात के लिए जिसे वो चाहते हों इत्तफ़ाक़ करें तो वो मेरे बाप की तरफ़ से जो आसमान पर है, उनके लिए हो जाएगी।