6 हुन सपाय के हुनचो काममन चो असन पलटा देयेदे।
6 परमेस्वर हर एक ख उनको काम को अनुसार बदला दहे:
माने चो बेटा आपलो सरग दूतमन चो संगे आपलो बुआ चो महिमा ने ऐये दे, आउर हुन समया ‘हुन हरकोनी के हुनचो काम चो पुरती करलो फल देयेदे।’
तुचो जोन बिश्वास होओ, हुनके माहापुरू चो पुरे आपलो ची मन ने संगाव। धन्य आय हुन जोन हुन गोठ ने, जेके हुन ठीक समजु आय, आपन खुद के दोषी नी ठेबा ये।
लगातो बिता आउर सींचतो बिता दुनो गोटक आत; मान्तर हरकोनी माने आपलो ची मसागत चो अनुसार आपलो ची भुती पाये दे।
ऐईकाजे जिदलदाय दाय ले परबु नी ऐये, समया ले पयले कोनी गोठ चो नियाय नी करा: हुनी अंधार चो लुकलो गोठमन उजर ने दकाय दे, आउर मनमन चो बिचारमन के परकट करे दे, तेबे माहापुरू चो बाटले हरकोनी चो बड़ाई होये दे।
ऐ काई अगर हुनचो सेवक बले धरम चो सेवकमन चो असन भेष धरो, तो काई बड़े गोठ नुआय, मान्तर हुनमन चो आखरी हुनमन चो काममन चो अनुसार होये दे।
कसनबल्लोने जरूरी आय कि आमी सपाय चो हाल मसीह चो नियाय आसन चो पुरे खुलुन जाओ, कि हरकोनी माने आपलो-आपलो अच्छा खराप काममन चो पलटा जोन हुन देंह चो दुवारा करलो से पाओ।
सिकन्दर कुमार मोचो ले खुबे बुराईमन करलो से; परबु हुनके हुनचो काममन चो अनुसार पलटा देये दे।
“मय हुनचो पिलामन के मारून देयेंदे; तेबे सपाय कलीसियामन जानेदे कि देंह आउर मन चो परकतो बिता मय ची आंय, आउर मय तुमनमन ले हरकोनी के हुनचो काममन चो अनुसार पलटा देयदे।”
फेर मय नानी बड़े सपाय मरलो बितामन के सिंघासन चो पुरे उबा होलोर दकले, आउर किताबमन खोला गेली; आउर फेर गोटक किताब खोला गेली, बल्लोने जीवना चो किताब; आउर जसन हुन किताबमन ने लिकलोर रली, असने ची हुनमन चो काममन चो अनुसार मरलो बितामन चो नियाय करा गेली।
“दक, मय झटके ऐतो बिता आय; आउर हरकोनी चो काम चो अनुसार पलटा देतो काजे करलो फल मोचो लगे आसे।