प्रकाशितवाक्य 15:2 - Halbi2 तेबे मय आईग मिललो बिती कांच चो असन गोटक समुन्द दकले; आउर जोन लोग हुन पशु थाने आउर हुनचो मुरती थाने आउर हुनचो नाव चो नम्बर थाने जयवन्त होऊ रवत, हुनमन के हुन कांच चो समुन्द चो लगे माहापुरू चो बीणामन के धरून भाती उबा दकले। Faic an caibideilपरमेस्वर को सच्चो वचन ख जाननू2 तब मी न आग मिल्यो वालो काँच को जसो समुंदर कुछ देख्यो; अर जो अदमी उ जानवर पर अर ओकी मूर्ति पर अर ओको नाम को अंक पा जीतीया रहा, उनका उ काँच को समुंदर को जोने परमेस्वर कि वीणा हुन का लेका खड़ो देखियो। Faic an caibideil |