रोमियों 2:4 - गढवली नयो नियम4 क्य तु परमेश्वर कि भलै, अर सहनशीलता, धीरजरूपी धन तैं तुच्छ समझणी छै? अर क्य तू इन नि समझणी छै कि पिता परमेश्वर कि भलै त्वे तैं पाप बट्टी मन फिराण तैं सिखांदी? Faic an caibideilGarhwali4 अर एक बात बता, क्या तुम लोग परमेस्वर की किरपा, अर वेकी सौण की ताकत, अर हमेसा का धन तैं सुद्दी समझद्यां? क्या तुम लोग इन नि समझद्यां, कि परमेस्वर की किरपा तुमरा मन तैं बदळणु खुणि सिखौणि रौन्दी? Faic an caibideil |
यु जांणि लय की हमारो प्रभु हमारा प्रति धीरज रखदु, वेको कारण यु च कि उ लुखुं तैं पछतौ कनु को बगत दींण चांद कि उ ऊं तैं उद्धार दे साक। जब हमारा प्रिय दगड़िया-विश्वासी पौलुस ल, जै बट्टी हम प्रेम करदा, तुम तैं वे ज्ञान को इस्तेमाल कन चयणु च जु पिता परमेश्वर ल वे तैं द्ये, त वेल भि तुम तैं यु ही बात बतै, जु मिल तुम तैं बतै।