दिब्य दरस 9:9 - गढवली नयो नियम9 अपड़ी छती पर ऊंल लोखर का बणयूं कवच पैरयूं छो। जब उ उड़िनि, त उ इन आवाज करदा छा जन कई घोड़ा लड़ै पर जांणवला रथों तैं खिचदींनि। Faic an caibideilGarhwali9 ऊंका बदन को कवच लोखर की तरौं, अर ऊंका फाँकुड़ो की आवाज इन छै जन कि भौत सा रथ अर घोड़ा लड़ै करणु खुणि अटगंणा हो। Faic an caibideil |