दिब्य दरस 6:9 - गढवली नयो नियम9 जब चिनखा ल पाँचवी मुहर खोलि, त मिल वेदी का मूड़ी मिल ऊं लुखुं की आत्माओं तैं देखि जौं तैं मरै गै छो किलैकि उ पिता परमेश्वर का वचन का प्रति अर वेका संदेश का प्रति विश्वासयोग्य छा जु ऊं तैं मिल्युं छो। Faic an caibideilGarhwali9 अर जब मेम्ना न पांचु मोर खोली, त मिन वेदी का मूड़ी कत्ल होयां लोगु की आत्माओं तैं देखि, जु कि परमेस्वर का वचन पर चलण की वजै से अर गवै देण कि वजै से मरे गै छा। Faic an caibideil |
मि यूहन्ना, तुम्हरो दगड़िया विश्वासी, अर मि मसीह कु दुःख सौण मा अर पिता परमेश्वर का राज्य मा अर धीरज मा तुम्हरो दगड़िया छो, जु ऊं लुखुं पर औंदींनि जौको ऊं दगड़ी रिश्ता च। मि तैं पतमुस टापू पर कैदी बणै के भिजे गै छो किलैकि मिल पिता परमेश्वर का वचन कु प्रचार कैरी छो अर यीशु का सच्चा संदेश का बारा मा बतै छो।
जब मिल सूंणि जु मि बट्टी बात कनु छो, त मि वेकी आराधना कनु कु, वे आदिम का संमणी झुकि ग्यों। वेल मि कु बोलि, “मि तैं प्रणाम नि कैर।” मि भस पिता परमेश्वर को एक सेवक छो जन तू छै अर तेरा विश्वासी भयों का जन जु यीशु का द्वारा प्रकट किये गै सच्ची शिक्षाओं पर विश्वास करदींनि अर मणदींनि। भस पिता परमेश्वर ही च जै की त्वे तैं महिमा कन चयणी च। किलैकि परमेश्वर आत्मा च जु पिता परमेश्वर का लुखुं तैं यीशु का द्वारा बतये गै अर सत्य कु प्रचार कना का योग्य बणद।
मि जंणदु छो कि तेरु शहर शैतान का वश मा च, पर यांका बावजूद तिल मि पर अपड़ा विश्वास तैं कसी के पकड़ी के रखि अर तिल मेरी शिक्षाओं तैं नि छोड़ी, इख तक कि तब भि न जब भौत बगत पैली अन्तिपास की हत्या किये गै छै। उ मेरा वचनों का प्रचार कन मा विश्वासयोग्य छो, इलै वे तैं तेरा शहर मा मरै गै जु शैतान का वश मा च।
वेका बाद मिल कुछ सिंहासन दिखिनि अर जु लोग ऊं सिंहासनों पर बैठयां छा ऊं तैं राज्य कनु को अधिकार दिये गै छो। मिल ऊं लुखुं की आत्माओं तैं भि देखि, जूंका मुंड तैं काटेले छो किलैकि ऊंल यु अंगीकार कैरी छो कि यीशु ऊंको प्रभु छो, अर उ परमेश्वर का वचन पर विश्वास करदा छा। ऊं लुखुं ल जानवर या वेकी मूर्ति की आराधना नि कैरी छै, ऊंल अपड़ा माथा या हथों पर जानवर की छाप भि नि लगै छै। यु लोग दुबरा ज्यून्दा हवे गैनी अर एक हजार सालों तक मसीह का दगड़ी मिली के राज्य कैरी।