दिब्य दरस 5:9 - गढवली नयो नियम9 अर उ यु एक नया गीत गांण लगि गै, तू ईं किताब (चाम्रपत्र) की मुहरों तैं तुडण अर यु तैं खुलणां का योग्य छै; ऊंल त्वे तैं बलिदान कैरी अर अपड़ी मौत का ल्वे ल तू हर गोत्र, भाषा, लोग अर जाति, राष्ट्र ल पिता परमेश्वर कु लुखुं तैं खरीद के छुड़ै दीलि। Faic an caibideilGarhwali9-10 अर ऊ एक नयू गीत गाण लगि गैनी ऊंन बोलि कि, “हे हमरा मालिक हे हमरा प्रभु पिता, दस्तावेज तैं लेण का लगीं मोरों तैं खुलण का काबिल छाँ तुम यीशु बलिदान सिरफ तुम होयां। तुमुन ही हरेक गोत्र का, जाति हरेक भाषा का, देस-देस का लोगु तैं, ल्वे से अपणा खरीदी च, तुमुन ही ऊं लोगु तैं बणै एक पुरोहित च, पिता परमेस्वर खुणि राज्य एक बणयूं च राज करला वु सभि, औण वळी धरती मा।” Faic an caibideil |
जन के भौत पैली अफ तैं पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वला झूठा लोग इस्राएलियों का बीच दिखैनी, उन ही तुम्हरा बीच झूठा शिक्षक दिखैनी। उ झूठी शिक्षाओं तैं लुकि के फैलांदींनि, जु लुखुं तैं मसीह पर विश्वास कन से रोक दींदिनि। यूं झूठा शिक्षक मसीह तैं अपड़ा स्वामी मनणु से भि इंकार कैरी दीला जु ऊंको मालिक छिनी अर जैल ऊं तैं पाप की शक्ति बट्टी छुड़ै, इन कै उ अपड़ा आप तैं अचानक नाश करवै दींदिनि।