दिब्य दरस 5:4 - गढवली नयो नियम4 तब मि भौत जोर-जोर से रूंण लगि ग्यों, किलैकि वीं किताब (चाम्रपत्र) का खुलण, या वेमा जु लिख्युं छो वे तैं दिखण का योग्य कुई नि मिली। Faic an caibideilGarhwali4 तब मि भकोरि-भकोरि के रुंण लगि ग्यों, किलैकि कुई भि इथगा लैख नि मिली जु ये दस्तावेज तैं खोली या पैढी सैको। Faic an caibideil |