दिब्य दरस 5:3 - गढवली नयो नियम3 पर न स्वर्ग मा, न धरती पर, न धरती का मूड़ी कुई वीं किताब (चाम्रपत्र) तैं खुलणा या वेमा जु लिख्युं छो वे तैं दिखणा का योग्य निकली। Faic an caibideilGarhwali3 मगर नऽ त स्वर्ग मा ना ही ईं धरती पर, अर नऽ त ईं धरती का मूड़ी, इन्द्रयो कुई भि लैख नि निकळि जु की ये दस्तावेज तैं खोली या पैढी सैको। Faic an caibideil |