दिब्य दरस 4:5 - गढवली नयो नियम5 वे सिंहासन मा बट्टी बिजलियां अर गिडगिडांण की आवाज निकलदी अर सिंहासन का संमणी आग का सात दिवडा जलणा छा, जु पिता परमेश्वर की सात आत्माएँ छिनी, Faic an caibideilGarhwali5 अर वीं राजगद्दी बटि बिजलियाँ निकळणी छै, अर बड़ी गगड़ाट की आवाज औणी छै। अर वीं राजगद्दी का समणि आग की सात मसाल जगणी छै, जु कि परमेस्वर की सात आत्मा छिन। Faic an caibideil |
मि त तुम तैं पापों बट्टी पछतावा कैरी के मन फिरावा इलै मि तुम तैं पांणी ल बपतिस्मा दींदो अर यु प्रचार करदु छो, “कि मेरा बाद उ औंण वलो च, जु मि से भि जादा महान अर शक्तिशाली च मि त ये लैख भि नि छौं कि वेको दास बंणि के झुकि के वेका जुतों का तंणखा खोलु, मिल त तुम तैं पांणी ल बपतिस्मा दींनि पर उ तुम तैं पवित्र आत्मा ल अर आग ल बपतिस्मा दयालो।