दिब्य दरस 4:1 - गढवली नयो नियम1 जब यु सब बात हवे गैनी, त मि यूहन्ना ल देखि कि स्वर्ग मा एक द्वार खुल्यूं च; फिर मिल उ ही पैली आवाज दुबरा सूंणि जु कि एक तुरै की आवाज जन छै। वेल मि बट्टी बोलि, मि मा इख मथि औ, अर मि उ बात त्वे तैं दिखौलु, जौं बातों तैं यूं बातों का बाद पूरो हूंण जरूरी च। Faic an caibideilGarhwali1 यों सब बातों का बाद मिन देखि, कि स्वर्ग मा एक द्वार खुल्यूं च अर एक बिगुला का जन आवाज, ज्वा कि मिन पैलि सुणी छै वेन मिकू बोलि, “इख मथि अऽ, मि त्वेतै वु बात दिखौलु जु येका बाद होण वळी छिन, अर वु जरुर पूरि ह्वेलि।” Faic an caibideil |