दिब्य दरस 3:3 - गढवली नयो नियम3 वीं शिक्षा तैं याद कैर जु तिल भौत पैली सूंणि छै अर स्वीकार कैरी छै। जु त्वे तैं सिखै गै छै वेको अनुसरण कैर, अपड़ी लापरवाही बट्टी मन फिरौ। जु तू लापरवाही कनी रैलि त मि अचानक औलु, जन रात मा एक चोर आंद, अर तू वे बगत तैं भि नि जांणि सकली जब मि त्वे तैं दण्ड दींणु कु औलु। Faic an caibideilGarhwali3 अर याद कैरा कि ज्वा शिक्षा तुमुन पै अर सुणी, वीं शिक्षा को पालन कैरा अर मन से पस्ताप कैरा। अर अगर जु तुम चौकस नि रैल्या, त मि कै बगत तुमरा पास ऐ जौलु तुमतै ईं बात कि खबर नि लगण, किलैकि मिन एक चोर का जन अचानक से तुमरा पास औण। Faic an caibideil |
पर पिता परमेश्वर को दिन जरुर अचानक ही वापिस ऐ जालो जन कुई चोर अचानक ऐ जांद। वे बगत आसमान मा गर्जन को शोर होलो, अर आसमान हरची जालो। आसमान मा सब कुछ, मतलब सूरज, जून अर गैणा पूरा ढंग से फुके के पूरा ढंग से आग बट्टी नाश हवे जाला। वे दिन पिता परमेश्वर ऊं सभि कामों तैं प्रकट कैरी दयालो जु लुखुं ल करिनि कि ऊंको न्याय कैर साक।
दुष्टात्माओं का शासकों तैं अर ऊंकी सेनाओं तैं वीं जगह पर कठ्ठा कैरी जै तैं इब्रानी भाषा मा हर-मगिदोन बुल्दींनि। इलै प्रभु यीशु ल बोलि, “य बात सूंणा। मेरू आंण चोर का जन अचानक होलो। धन्य च उ आदिम जु मेरा आंण पर बिज्यूं हो, अर अपड़ा कपड़ोंं तैं तैयार रखो। तब उ नंगी नि होला अर कुछ भि ऊं तैं शर्मिंदा नि करलो चाहे उ भैर भौत स लुखुं का बीच मा भि किलै नि जौं।”
इलै अब तू उन के नि जींदी जन तू शुरुआत मा जींदी छै। वेका बारा मा सोच। अब, त्वे तैं अपड़ा पापों बट्टी मुड़ी जांण चयणु च अर ऊं कामों तैं कन शुरू कन चयणु च जु तू शुरुआत का बगत मा करदी छै। अर मन फिरौ अर पैला का जन काम कैर; अर जु तू अपड़ो पापों बट्टी मन नि फिरौ अर अफ तैं नि बदलो त मि त्वे मा औलु अर जख मा तेरु दिवडो रख्युं च वे तैं उख बट्टी हटै के त्वे तैं दण्ड दयुलु।