दिब्य दरस 2:2 - गढवली नयो नियम2 मि जंणदु छो कि तू क्य करदी, तू कन परिश्रम करदी अर कभी भि हार नि मणदी; अर मि जंणदु छो कि तू बुरा लुखुं की झूठी शिक्षाओं तैं सहन नि करदी। तिल ऊं लुखुं तैं जाँची जु बुल्दींनि कि उ प्रेरित छिनी पर हकीकत मा नि छिनी, अर तिल ऊं तैं झूठो पै। Faic an caibideilGarhwali2 “हे इफिसुस नगर का बिस्वासी लोगु, मि तुमरा काम अर तुमरि कड़ी मेनत का बारा मा जणदु छौं, अर दुख का बगत मा तुमरा सबर रखण की ताकत का बारा मा भि मि जणदु छौं, अर मि इन भि जणदु कि तुम बुरा लोगु तैं बरदास नि कैरी सकदी, जु खुद तैं मेरा खास चेला बतौन्दिन, पर असल मा ऊ छैई नि छिन। अर तुमुन ऊं लोगु की जाँच-पड़ताल कैरी अर ऊंतैं झूठ्ठु पै। Faic an caibideil |
हे प्रियों, हरेक जु पिता परमेश्वर की पवित्र आत्मा बट्टी बुल्णो को दावा करदींनि; ऊंमा बट्टी हरेक पर विश्वास नि करयां, पर आत्माओं तैं परखा, कि उ आत्मा पिता परमेश्वर की तरपां बट्टी च कि न; किलैकि भौत सारा झूठा संदेश दींणवला छिनी जु बुल्दींनि की हम पिता परमेश्वर कि तरपां बट्टी बुल्दियां दुनिया मा ऐ गैनी।
इलै अब तू उन के नि जींदी जन तू शुरुआत मा जींदी छै। वेका बारा मा सोच। अब, त्वे तैं अपड़ा पापों बट्टी मुड़ी जांण चयणु च अर ऊं कामों तैं कन शुरू कन चयणु च जु तू शुरुआत का बगत मा करदी छै। अर मन फिरौ अर पैला का जन काम कैर; अर जु तू अपड़ो पापों बट्टी मन नि फिरौ अर अफ तैं नि बदलो त मि त्वे मा औलु अर जख मा तेरु दिवडो रख्युं च वे तैं उख बट्टी हटै के त्वे तैं दण्ड दयुलु।