दिब्य दरस 18:2 - गढवली नयो नियम2 वेका बड़ा शब्द ल पुकारी के बोलि, “लमडी गै, बड़ो बाबेल लमडी गै। आज हर किस्म की दुष्टात्माएँ उख रौंणु कु चलि जाली अर यु अशुद्ध जानवर अर घृणित चलखुडोंं को घोल बनणै की जगह बण गै। Faic an caibideilGarhwali2 अर वेन ऊँची आवाज मा चिल्लै के बोलि, “पतन ह्वे गै, पतन ह्वे गै, वीं वेश्या को पतन ह्वे गै जु कि बड़ु नगर बेबीलोन च, वु त खबेसों को घौर, अर हरेक किसम की अशुद्ध अर गन्दा पंछियों को घोल च, अर हरेक अशुद्ध अर घिण औणा वळा जानबर को उड़्यार बणि गै। Faic an caibideil |
बाबेल को बड़ो शहर तीन हिस्सों मा बंटे गै, अर पूरी दुनिया का सैरा शहर नष्ट हवे गैनी। किलैकि पिता परमेश्वर ल उ पूरो कैरी जैको वेल बाबेल की जातियों का दण्ड का बारा मा वादा कैरी छो। यूं तैं पिता परमेश्वर की तरपां बट्टी कठोर दण्ड दिए जालो। यु इन होलो जन ऊंल बगैर पांणी मिल्युं दाखमधु तैं पियेले हो, जै तैं पिता परमेश्वर ल अफ ही वे प्याला मा उण्डेली हो जु वेका गुस्सा तैं बतांद।