दिब्य दरस 17:5 - गढवली नयो नियम5 अर ऊंका कपालो पर, एक नौं लिख्युं छो जै की एक छिपी बात छै। य इन छै, “मि महान शहर बाबेल छो। मि सभि वेश्याओं की ब्वे छो अर उ छो जु दुनिया की सभि तुच्छ कामों को स्रोत छो।” Faic an caibideilGarhwali5 अर वीं वेश्या का माथा पर इन लिख्यूं छौ कि, “राज बड़ु नगर बेबीलोन, वेश्याओं अर धरती की गन्दी चीजों तैं जनम देण वळो की माँ।” Faic an caibideil |
बाबेल को बड़ो शहर तीन हिस्सों मा बंटे गै, अर पूरी दुनिया का सैरा शहर नष्ट हवे गैनी। किलैकि पिता परमेश्वर ल उ पूरो कैरी जैको वेल बाबेल की जातियों का दण्ड का बारा मा वादा कैरी छो। यूं तैं पिता परमेश्वर की तरपां बट्टी कठोर दण्ड दिए जालो। यु इन होलो जन ऊंल बगैर पांणी मिल्युं दाखमधु तैं पियेले हो, जै तैं पिता परमेश्वर ल अफ ही वे प्याला मा उण्डेली हो जु वेका गुस्सा तैं बतांद।