दिब्य दरस 14:7 - गढवली नयो नियम7 उ चिलै, “पिता परमेश्वर बट्टी डैरा अर वेको सम्मान कैरा किलैकि अब वेको लुखुं तैं जांच के न्याय कनु को बगत ऐ गै। वेकी आराधना कैरा किलैकि उ ही च जैल आसमान, धरती, समुद्र अर पांणी का स्रोतों की सृष्टि कैरी।” Faic an caibideilGarhwali7 अर वेन ऊँची आवाज मा इन बोलि कि, “परमेस्वर पर अपणी पूरि सरदा रखा अर वेकी बडै कैरा, किलैकि न्याय को बगत ऐ गै, इलै वेकी भक्ति कैरा जैन आसमान, धरती अर समुन्दर बणै, अर पाणि का छोया भि वेन ही बणैनी।” Faic an caibideil |
उ लोग जु त्वे पर विश्वास नि करदींनि भौत गुस्सा छिनी, किलैकि बगत ऐ गै कि तू अपड़ा गुस्सा दिखौ अर ऊं सभियूं तैं जांच के न्याय कनु को बगत ऐ गै जु मोरि गैनी, अब उ बगत भि च जब तू ऊं पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वलो तैं प्रतिफल दीलि जु तेरी सेवा करदींनि अर ऊं सभि जातियों का लुखुं तैं जु तेरु सम्मान करदींनि ऊं तैं जु विशेष मणै जंदींनि अर जु विशेष नि मणै जंदींनि, जबकि वे ही बगत तू ऊं तैं नाश कैरी दीलि जौनु धरती तैं विनाश कैरेले।”