दिब्य दरस 14:4 - गढवली नयो नियम4 यु उ छिनी जु पवित्र जीवन तैं ज्यन्दींनि। यु ऊं लुखुं का जन छिनी जौनु एक बार भि नाजायज सम्बन्ध नि बणैंनि अर न ही ऊंल कभी कै चीज कि पूजा कैरी, उ भस चिनखो ही जंणद कि जख कखी चिनखो जांद, यु लोग वेका ही पिछनै औंदींनि। यु उ छिनी जौं तैं धरती का सभि आदमियों बट्टी अलग किये गै। जन लोग अपड़ा पुंगड़ो की फसल कु सबसे अच्छो भाग पिता परमेश्वर तैं दींदिनि उन ही यु लोग भि अपड़ा जीवन तैं पूरी पवित्रता का दगड़ी पिता परमेश्वर अर चिनखा तैं दींदिनि। Faic an caibideilGarhwali4 अर यू ऊ लोग छिन जु अणविवाक ही रैनी अर यों न खुद तैं जनानियों का दगड़ा मा अशुद्ध नि कैरी। किलैकि यीशु जु कि मेम्ना च अर जख-जख वु जान्दु यू वेका पिछनै-पिछनै चलदिन, इलै परमेस्वर की सेवा खुणि यों लोगु तैं धरती का सब लोगु मदि सबसे पैलि चुणी के खरीदे गै। Faic an caibideil |