दिब्य दरस 14:2 - गढवली नयो नियम2 अर मिल स्वर्ग मा कैकी आवाज सूंणि कि झरना की गर्जन का जन तेज, या गिडगिडांण की आवाज का जन ऊंची छै। य संगीतकारों का द्वारा ऊंकी वीणा बजांण की संगीत का जन लगणी छै। Faic an caibideilGarhwali2 अर फिर मिन स्वर्ग बटि एक आवाज सुणी। अर ईं आवाज मा भौत जादा पाणि को छमछयाट अर बादळों को गगड़ट छौ अर मिन कुछ इन आवाज सुणी ज्वा कि इन छै, जन कि बीणा बजौण वळा अपणी-अपणी बीणा बजौणा हो। Faic an caibideil |
तब मिल कुछ देखि जु समुद्र का जन दिख्यौन्दु छो अर कांच का जन चमकणु छो अर वेमा आग भि मिल गै छै। मिल ऊं लुखुं तैं भि देखि जु जानवर बट्टी नि हारी छा। ऊंल जानवर की अर वेकी मूर्ति की आराधना नि कैरी छै, अर ऊं पर जानवर का नौं की संख्या कु चिन्ह नि लगै गै छो। उख उ वे समुद्र का छाला पर खड़ा छा अर ऊं सभियूं की एक वीणा पकड़ी छै जु पिता परमेश्वर की ऊं तैं दीं छै।