दिब्य दरस 13:7 - गढवली नयो नियम7 वे जानवर तैं यु अधिकार दिये गै, कि पवित्र लुखुं बट्टी लड़ो, अर ऊं तैं हरौ, अर वे तैं सभि लुखुं, कुलों, भाषाओं, अर जातियों पर अधिकार दिये गै। Faic an caibideilGarhwali7 अर वेतैं इन इजाजत दिये गै कि उ बिस्वासी लोगु का दगड़ा मा युद्ध कैरो अर ऊं पर जीत हासिल कैरो, अर हरेक गोत्र, जाति, अर भाषा अर देस-देस का लोगु पर वेतैं अधिकार दिये गै। Faic an caibideil |
उ लोग जु त्वे पर विश्वास नि करदींनि भौत गुस्सा छिनी, किलैकि बगत ऐ गै कि तू अपड़ा गुस्सा दिखौ अर ऊं सभियूं तैं जांच के न्याय कनु को बगत ऐ गै जु मोरि गैनी, अब उ बगत भि च जब तू ऊं पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वलो तैं प्रतिफल दीलि जु तेरी सेवा करदींनि अर ऊं सभि जातियों का लुखुं तैं जु तेरु सम्मान करदींनि ऊं तैं जु विशेष मणै जंदींनि अर जु विशेष नि मणै जंदींनि, जबकि वे ही बगत तू ऊं तैं नाश कैरी दीलि जौनु धरती तैं विनाश कैरेले।”