दिब्य दरस 12:7 - गढवली नयो नियम7 फिर स्वर्ग मा लड़ै हवे, पिता परमेश्वर का मुख्य स्वर्गदूत मा बट्टी एक ल जौको नौं मीकाईल च, अपड़ा अधीन आंण वला दूतों का दगड़ी, अजगर का विरोध मा अर दुष्टदूतों बट्टी लड़ै लैड़ि। Faic an caibideilGarhwali7 फिर स्वर्ग मा युद्ध ह्वे, अर मीकाईल नौ का स्वर्गदूत अर वेका दगड़्यों का दूतों न खुंखार रागस का दगड़ा मा लड़ै कैरी, अर खुंखार रागस अर वेका दूतों न मुकाबला कैरी त छौ, Faic an caibideil |
इख तक की मीकाईल ल भि जु पिता परमेश्वर का मुख्य स्वर्गदूतों मा बट्टी एक छो, वेल अपमान नि कैरी जन यु अधर्मी लोग करदींनि। किलैकि जब वेल शैतान का दगड़ी विवाद कैरी अर पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वला मूसा की देह तैं लींणु कु अपड़ा अधिकार की चुनौती द्ये, त मीकाईल ल भि यु नि सोचि कि वेमा बुरी बात बोलि के शैतान पर जांच का द्वारा भंगार लगांण कु अधिकार च। बल्कि वेल बोलि, “प्रभु त्वे दगड़ी कड़ाई से बात कैरो।”
वेल वे अजगर तैं पकड़ी दींनि जु उखी छो जु भौत बगत पैली एक गुरो का रूप मा प्रगट हवे छो, जै तैं शैतान भि बुल्दींनि। वेल वे तैं संगलों ल बंधि अर अथाह कुण्ड मा फेंक दींनि। यांका बाद वेल ऊं तैं बंद कैर दींनि अर भितर जांणवला द्वार पर मोहर लगै दींनि कि एक हजार साल पूरा हूंण तक वेमा जाति-जाति का लुखुं तैं धोखा दींण कु कुई ढंग नि हो। जब उ पूरो हवे जालो त वे तैं दुबरा आजाद किये जालो, पर भस थोड़ा देर कु।