दिब्य दरस 12:3 - गढवली नयो नियम3 एक और चिन्ह आसमान मा दिखै द्ये, एक भौत बड़ो अजगर छो, जु कि शैतान च। वेका सात मुंड छा अर दस सींग छा, अर वेका सातों मुंड़ो पर सात मुकुट छा। Faic an caibideilGarhwali3 फिर आसमान मा एक और चिन्न दिखै, जु कि लाल रंग को एक बड़ु खुंखार रागस छौ, वेका सात मुण्ड़ अर दस सींग छा, अर वेका हरेक मुण्ड़ पर एक-एक मुकुट छौ। Faic an caibideil |
वेल वे अजगर तैं पकड़ी दींनि जु उखी छो जु भौत बगत पैली एक गुरो का रूप मा प्रगट हवे छो, जै तैं शैतान भि बुल्दींनि। वेल वे तैं संगलों ल बंधि अर अथाह कुण्ड मा फेंक दींनि। यांका बाद वेल ऊं तैं बंद कैर दींनि अर भितर जांणवला द्वार पर मोहर लगै दींनि कि एक हजार साल पूरा हूंण तक वेमा जाति-जाति का लुखुं तैं धोखा दींण कु कुई ढंग नि हो। जब उ पूरो हवे जालो त वे तैं दुबरा आजाद किये जालो, पर भस थोड़ा देर कु।