दिब्य दरस 10:9 - गढवली नयो नियम9 अर मिल स्वर्गदूत मा जै के बोलि, “य छुटी किताब मि तैं दे” अर वेल मि बट्टी बोलि, “ले, ईं तैं खा ले; यांको स्वाद शैत का जन मिठो, पर बाद मा यांको कड़वाहट बट्टी तेरु पुटगो दुखलो। इलै मिल व छुटी किताब ले लींनि जु स्वर्गदूत ल पकड़ी छै अर वीं तैं खै दींनि। अर सच मा यांको स्वाद शैत का जन मिठो छो, पर जब मिल यु तैं घूली दींनि, त मेरू पुटगो दुखण लगि गै।” Faic an caibideilGarhwali9 तब मिन वे स्वर्गदूत का पास जैके वेसे वु छुटो दस्तावेज मांगि। अर वेन मिकू बोलि, “ले, अर येतैं खै ले, यू तेरा गिच्चा मा शहद की तरौं मिठ्ठु लगलु मगर तेरा पुटगा तैं खट्टु कैरी द्यालु।” Faic an caibideil |