फिलिप्पी 4:17 - गढवली नयो नियम17 मिल यु इलै नि लिखीं कि मि दान चांणु छौं, पर मि चांदु छों कि यु तैं ऊं अच्छी चीजों की सूची मा शामिल करे जौं, जु तुम ल पैली ही बट्टी कैरेले अर जै कु पिता परमेश्वर तुम तैं ईनाम दयालो Faic an caibideilGarhwali17 अर मेरु मकसद इन नि छौ कि मि सेवा का काम मा तुम बटि मदद ल्यूं, मगर मि त सिरफ इथगा ही चान्दु कि येका बदला मा तुमरा जीवनों मा परमेस्वर तुमतै इनाम द्यो। Faic an caibideil |
जन के चरवाहा अपड़ा ढिबरों की रखवली करद, उन ही तुम तैं भि हर एक की रखवली कन चयणी च जन पिता परमेश्वर ल तुम तैं देखभाल मा रखि। इन तुम अपड़ी इच्छा ल कैरा, किलैकि पिता परमेश्वर यु ही चांद कि तुम इन ही कैरा। इन भस इलै नि कैरा किलैकि तुम तैं इन कनु कु मजबूर किये गै। यु काम इलै नि कैरा किलैकि तुम धन कमौण चदयां पर पिता परमेश्वर अर लुखुं की सेवा कने की इच्छा का दगड़ी किया कैरा।
ऊं पर हाय! कि उ कैन का जन दुष्टता बट्टी अपड़ा जीवन तैं चलौंदींनि, जैल अपड़ा भैय की हत्या कैरी किलैकि उ वे बट्टी जलदो छो, किलैकि पिता परमेश्वर ल वेका भैय का बलिदान तैं स्वीकार कैरी छो पर वेका बलिदान तैं न। उ बिलाम का जन च, जैल पिता परमेश्वर का लुखुं तैं पाप कनु कु उकसांणै की कोशिश कैरी, कि उ धन तैं पै सैका जै की पेशकश वे तैं किये गै छै। उ कुयड़ा जन नाश हवे जाला, जैल वे अधिकार का विरुद्ध मा विद्रोह कैरी जु पिता परमेश्वर ल मूसा तैं द्ये छो।