पाप कनै की इच्छा हम सभियूं मा जरुर आंदी; पर पिता परमेश्वर विश्वासयोग्य च; किलैकि उ तुम तैं एक भि इन अजमैश मा नि पुडण दींद, कि तुम वीं अजमैश बट्टी लैड़ि नि साका, पर पिता परमेश्वर तुम तैं व तागत दयालो, कि तुम पाप बट्टी बचयां रा।
इलै यु से बढ़िया च कि वेका पापों तैं माफ कैरा; अर वे तैं प्रोत्साहित कैरा, जु तुम वे तैं माफ नि करदा त शायद उ इथग दुखी हवे जौं कि निराश हवे कर हार मांणी ल्यो।