याकूब 1:2 - गढवली नयो नियम2 हे मेरा विश्वासी भयों, जब तुम्हरा जीवन मा किस्मै-किस्मै की अजमैश औ त वीं अजमैश तैं भौत खुशी की बात समझयां Faic an caibideilGarhwali2 हे मेरा भै-बैंणो, जब तुम पर बन्नि-बन्नि किसमे की अजमैस आली, तभि भि तुम यां तैं बड़ी खुशी की बात समझा। Faic an caibideil |
यु सब काम जु पिता परमेश्वर ल पुरणा बगत मा करिनि, उ हम तैं यु दिखांद कि जु लोग पिता परमेश्वर का अनुसार जीवन जंदींनि, जब उ मुसिबत मा हूंदींनि त पिता परमेश्वर निश्चित रूप से ऊं तैं सुरक्षित रखलो। अर हम यु भि निश्चय कैरी सकदा कि उ दुष्ट लुखुं तैं वे दिन तक लगातार दण्ड दयालो जब तक कि पिता परमेश्वर सभि लुखुं कु न्याय नि करद।
ऊं दुखों बट्टी नि डैर जु त्वे तैं मिललो। शैतान लुखुं बट्टी तुम मा से कुछ तैं गिरफ्तार करालो अर तुम तैं कैद मा डलै जालो कि उ तुम्हरी अजमैश कैर साक। तुम दस दिनों तक बड़ी मुसिबतों कु अनुभव करली। पर मि पर विश्वास कन कभी नि छोड़ी, चाहे मुरण भि पोडो, किलैकि मि त्वे तैं तेरु जीत का प्रतिफल का रूप मा अनन्त जीवन दयुलु।