जब वे तैं समझ ऐ त बुद्धिमानी से सुनण लगि गै तब बुल्ण लगि गै “मेरा बुबा का कथग ही मजदूरों तैं ये से जादा रुट्टि मिलदी छै इलै कि अर मि इख भुखी मुरण छौं।”
कि तू ऊंकी आंखा खोल, कि उ अंधेरा बट्टी उज्यला का तरपां, अर शैतान का अधिकार बट्टी पिता परमेश्वर की तरपां फिर; त पिता परमेश्वर ऊंका पापों तैं माफ करलो, अर ऊं लुखुं दगड़ी विरासत मिलो, जु मि पर विश्वास कन से पवित्र किये गैनी’
पर पतरस ल बोलि, “हे हनन्याह किलै शैतान तैं तिल मौका द्ये कि उ तेरु दिल मा पवित्र आत्मा बट्टी झूठ बुल्णों को विचार डालो। किलै तिल वेकी बात सूंणि अर तिल अपड़ी बिकीं भूमि को एक भाग अफ कु रखि द्ये”
यु बड़ो अजगर, उ ही च जु भौत बगत पैली गुरो का रूप मा दिखै छो, जै तैं शैतान या भंगार लगांण वलो भि बुल्दींनि। यु उ ही च जु ईं दुनिया का लुखुं तैं धोखा दींद अर अपड़ा दुष्टदूतों का दगड़ी धरती पर पटकी गै।