1 तीमुथियुस 6:5 - गढवली नयो नियम5 अर ऊं लुखुं कु दिमाग शक की दुष्टता ल भुर्युं च, अर उ लगातार दूसरों दगड़ी झगड़ा करदींनि, अर उन ही जणदींनि की सचै क्य च अर जु इन समझदींनि उ सुचदींनि कि पिता परमेश्वर की सेवा कन अमीर बनणौ को एक ढंग च। Faic an caibideilGarhwali5 अर इन्द्रया लोगु को दिमाग खराब ह्वे गै, अर सच्च क्या च यू ऊंतैं पता नि ही च। अर वु लोग समझदिन कि परमेस्वर की भक्ति करण कमै को एक साधन च। इन्द्रया लोगु मा हमेसा लड़ै-झगड़ा होनदिन। Faic an caibideil |
ऊं पर हाय! कि उ कैन का जन दुष्टता बट्टी अपड़ा जीवन तैं चलौंदींनि, जैल अपड़ा भैय की हत्या कैरी किलैकि उ वे बट्टी जलदो छो, किलैकि पिता परमेश्वर ल वेका भैय का बलिदान तैं स्वीकार कैरी छो पर वेका बलिदान तैं न। उ बिलाम का जन च, जैल पिता परमेश्वर का लुखुं तैं पाप कनु कु उकसांणै की कोशिश कैरी, कि उ धन तैं पै सैका जै की पेशकश वे तैं किये गै छै। उ कुयड़ा जन नाश हवे जाला, जैल वे अधिकार का विरुद्ध मा विद्रोह कैरी जु पिता परमेश्वर ल मूसा तैं द्ये छो।