2 त्वे तैं बुजुर्ग जननों तैं इन सलाह दींण चयणु च जन कि उ तेरी अपड़ी ब्वे हों, अर अफ बट्टी छुटी उम्र की जननों का दगड़ी उन ही बरतौ कैर, जन उ तेरी अपड़ी बैंण हों, अर इन शुद्ध मन से कैर।
इलै, हे विश्वासी भयों, जु-जु बात सच छिनी, अर जु-जु बात आदर का योग्य छिनी, अर जौं तैं भि पिता परमेश्वर धर्मी मणद अर जु-जु बात पवित्र छिनी, अर जु-जु बात मन तैं लुभौण वली छिनी, यानि जु भि बात सम्मान जन अर बड़ै कि छिनी, ऊं पर ही तुम्हरो मन लग्युं रौ।
कुई तेरी जवानि तैं बेकार नि समझु; पर तु बातचित मा, अच्छा बरतौ मा, दूसरों का प्रति प्रेम मा, मसीह पर तेरु विश्वास मा, अर तेरु निर्दोष जीवन मा, अर पवित्रता मा, विश्वासियों तैं अनुसरण कन कु नमूना बंणि जा।
अफ से बड़ा आदिम तैं अपमान का दगड़ी नि डांट; बल्कि वे तैं बड़ा आदर का दगड़ी सलाह दे, जन कि उ तेरु अपड़ो बुबा हो, अर अफ से छुटा आदमियों तैं, अपड़ा भयों जन सलाह दे।
इलै, ऊं पापी इच्छाओं बट्टी बच जु जवान लुखुं तैं आकर्षित करदींनि, अर जु लोग शुद्ध मन से प्रभु को नौं लिंदिनि ऊं दगड़ी धार्मिकता विश्वास प्रेम अर शान्ति अर मेल मिलाप को पीछा कैर।