1 तीमुथियुस 3:2 - गढवली नयो नियम2 इलै जरूरी च, कि अध्यक्षों तैं निर्दोष हूंण चयणु च, अर वेकी एक ही जनन हो, अर सब्र रखण वलो, समझदार, इज्जतदार, अर खातिरदारि कन वलो, अर पिता परमेश्वर का वचन तैं सिखांण म निपुण हो। Faic an caibideilGarhwali2 इलै एक अध्यक्ष इन जीवन ज्यो कि कुई भि वे पर दोष नि लगै सैको, अर वेकी एक ही घरवळी हो अर उ अपणा सरील तैं अपणा काबू मा रखण वळो हो, अर उ लोगु का दगड़ा मा अच्छु बरतौ कैरो। अर लोग वेको आदर-सम्मान कैरा, अर उ एक अच्छु जीवन ज्यो, अर उ मैमानदारी निभौण मा भि खूब हो, अर अच्छी शिक्षा देण वळो भि हो। Faic an caibideil |