1 थिस्सलुनीकी 2:2 - गढवली नयो नियम2 तुम जंणदा ही छा, कि पैली हम ल फिलिप्पी शहर मा दुःख अर अपमान सौण पर फिर भि हमारा पिता परमेश्वर ल हम तैं इन साहस दींनि, कि तुम्हरा शहर का लुखुं का कारण हमारो भारी विरोध हूंण पर फिर भि हम ल पिता परमेश्वर का शुभ सन्देश तैं और भि जादा तुम तैं सुंणै। Faic an caibideilGarhwali2 जन कि तुम जणदा छाँ कि फिलिप्पी नगर मा हमुन भौत पीड़ा सै, अर हमरि बेजती भि किये गै। मगर परमेस्वर न हमतै हिम्मत देई, अर विरोध होण का बाद भि हम तुमरा पास अयां, अर तुमरा नगर मा औण पर भि हमरा दगड़ा मा ठिक इन्नि ह्वे। पर फिर भि हमुन तुमतै परमेस्वर को शुभ समाचार सुणै। Faic an caibideil |
हे विश्वासी भयों, मि तुम तैं वे नया जीवन का बारा मा लिखणु कु हर संभव कोशिश कनु छो जु यीशु मसीह का द्वारा पिता परमेश्वर की तरपां बट्टी आंद अर जै मा हम सभि शमिल छा। पर अब मि ईं चिठ्ठी मा वे उद्धार का बारा मा तुम तैं प्रोत्साहित कनु को दबाव महसूस कनु छो कि तुम मसीही विश्वास तैं पकड़ी के रौंणु कु और भि जादा कोशिश कैरा। पिता परमेश्वर ल अपड़ा लुखुं कु यु विश्वास एक ही बार मा हमेशा कु दे द्ये, अर यु तैं बदले नि जै सकद।