दिब्य दरस 9:2 - Garhwali2 अर वेन अधलोक को द्वार खोली अर उख बटि इन धुंवा निकळि जन कै खतरनाक बणांग बटि निकळदु, अर वे धुंवा की वजै से हवा अर सूरज अन्धेरु ह्वे गै। Faic an caibideilगढवली नयो नियम2 वेल अथाह कुण्ड तैं खोलि दींनि, अर कुण्ड मा बट्टी बड़ी भट्टी का जन धुंआ उठि, अर कुण्ड सूरज अर सैरो वातावरण वे गड्डा का धुवां ल कालो हवे गै। Faic an caibideil |